मैं और मेरी तन्हाई अकसर ये बातें करते हैं।
तुम न मिलते तो मेरा क्या होता ?
कौन मुझे सम्भालता ? रखता मेरा खयाल?
और कौन करता मेरे बचपने से प्यार ?
अगर तुम न होते. . .
मुझे जीने के तरीके सिखाता कौन?
मैं और मेरी तन्हाई अकसर ये बातें करते हैं।
तुम न मिलते तो मेरा क्या होता ?
मेरी रूह को न होती तेरे करीब आने की बेचैनी,
तेरी एक झलक पाने को मेरी आँखें यूँ तरसा न करतीं. . .
लगती हूँ खुद को संवारने जब भी होने को होती हूँ तेरे रूबरू…
याद कर के तुझे यूंही मुस्कुराती हूँ मैं दर्पण के सामने।
तेरी अठखेलियाँ कर देती हैं मेरी आंख विच उजियारा।।
मैं और मेरी तन्हाई अकसर ये बातें करते हैं।
तुम न मिलते तो मेरा क्या होता ?
मेरे नैनों की बेसब्री को ठग लेता तेरी बातों का मोहजाल,
कर उद्वेलित मेरे मन के भीतर छिपी अनजानी तृष्णा।
सींच लेता तेरा प्यार मेरी बुनी इच्छाओं का हर मायाजाल।।
मैं और मेरी तन्हाईयाँ अकसर ये बातें करते हैं…।।
तुम न मिलते तो मेरा क्या होता ?
तुम न मिलते तो मेरा क्या होता ?
कौन मुझे सम्भालता ? रखता मेरा खयाल?
और कौन करता मेरे बचपने से प्यार ?
अगर तुम न होते. . .
मुझे जीने के तरीके सिखाता कौन?
मैं और मेरी तन्हाई अकसर ये बातें करते हैं।
तुम न मिलते तो मेरा क्या होता ?
मेरी रूह को न होती तेरे करीब आने की बेचैनी,
तेरी एक झलक पाने को मेरी आँखें यूँ तरसा न करतीं. . .
लगती हूँ खुद को संवारने जब भी होने को होती हूँ तेरे रूबरू…
याद कर के तुझे यूंही मुस्कुराती हूँ मैं दर्पण के सामने।
तेरी अठखेलियाँ कर देती हैं मेरी आंख विच उजियारा।।
मैं और मेरी तन्हाई अकसर ये बातें करते हैं।
तुम न मिलते तो मेरा क्या होता ?
मेरे नैनों की बेसब्री को ठग लेता तेरी बातों का मोहजाल,
कर उद्वेलित मेरे मन के भीतर छिपी अनजानी तृष्णा।
सींच लेता तेरा प्यार मेरी बुनी इच्छाओं का हर मायाजाल।।
मैं और मेरी तन्हाईयाँ अकसर ये बातें करते हैं…।।
तुम न मिलते तो मेरा क्या होता ?
ooo teri.... :)
ReplyDeletePrafull bhaiya hehehe.. :)
DeleteHmmm.. expression of feelings👍👍
ReplyDeleteYeah ;)
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